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मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में जन आंदोलन बना, जल गंगा संवर्धन अभियान : प्रधानमंत्री श्री मोदी

सुरेन्द्र दुबे डिस्टिक हेड धार : 30 जून, 2025*

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के निर्देश और मार्गदर्शन में प्रदेश में गुड़ी पडवा से आरंभ जल गंगा संवर्धन अभियान का खण्डवा में आयोजित समापन समारोह एवं वॉटरशेड सम्मेलन, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मुख्य आतिथ्य में हुआ। समापन अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रेषित संदेश का वाचन पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री प्रहलाद पटेल ने किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने 1568 करोड़ के विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमि-पूजन किया। उन्होंने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत 578 करोड़ की लागत से 57,207 कार्यों का लोकार्पण किया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने वॉटरशेड विकास घटक के अंतर्गत प्रदेशभर के 888 जल संरक्षण कार्यों का लोकार्पण और खंडवा जिले की जावर माइक्रो सिंचाई परियोजना एवं तीन अन्य सिंचाई परियोजनाओं का लोकार्पण किया। कार्यक्रम में प्रदेश में जीर्णोद्धार की गई 74 जल संरचनाओं का लोकार्पण भी हुआ।

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश के लाखों लोगों के परिश्रम, समर्पण और आस्था से संचालित ‘जल गंगा संवर्धन अभियान’ के समापन अवसर पर प्रेषित अपने संदेश में प्रदेशवासियों को बधाई दी। उन्होंने जल संरक्षण व वृक्षारोपण अभियान से जुड़े जलदूतों, स्व-सहायता समूह की महिलाओं और किसान साथियों को शुभकामनाएं दीं। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने अपने संदेश में कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव और उनकी टीम के मार्गदर्शन में जल गंगा संवर्धन अभियान को जन आंदोलन बनते देखना सुखद अनुभूति है। खंडवा में आयोजित इस कार्यक्रम के साथ ही ‘वाटरशेड सम्मेलन’ का आयोजन भी सराहनीय है।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने अपने संदेश में विचार व्यक्त किए कि भारत में आदिकाल से जल की वंदना होती आई है और हमारी संस्कृति में नदियों, कुओं, तालाबों और बावडियों को पूजनीय मानकर उनके संरक्षण की परम्परा रही है। इस विरासत को समृद्ध करते हुए ‘जल गंगा संवर्धन अभियान’ नदियों को निर्मल, अविरल और सदानीरा बनाने के लिए जन-जागरूकता की दिशा में एक प्रेरणादायी प्रयास रहा है। जन भागीदारी की शक्ति से ऊर्जित यह एक उत्कृष्ट अभियान बना जिसमें मध्य प्रदेश के सामर्थ्यवान व प्रकृति प्रेमी साथियों का योगदान प्रशंसनीय रहा है। जल संग्रहण संरचनाओं के निर्माण में खंडवा की उपलब्धि लोगों को प्रेरित करेगी।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि पर्यावरण के साथ जुड़ाव और भावी पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ व सुंदर धरा सुनिश्चित करने का हमारा संकल्प जन-जन के भागीरथ प्रयासों से ही संभव हो पाएगा। इस कड़ी में ‘वॉटरशेड सम्मेलन’ का आयोजन जल संरक्षण के क्षेत्र में विभिन्न हितधारकों के अनुभव साझा करने और हर स्तर पर जल प्रबंधन की रणनीतियों को सशक्त करने का माध्यम बनेगा। ‘एक पेड़ मां के नाम’ कार्यक्रम के अंतर्गत प्रदेश में तीस हज़ार एकड़ से अधिक भूमि पर फलोद्यान विकसित करने की योजना, मातृभक्ति-पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक सशक्तिकरण को एक साथ जोड़ने की सराहनीय पहल है। यह कार्यक्रम नदियों के किनारे हरियाली बढ़ाने और भू-जल स्तर सुधारने में सहायक सिद्ध होगा।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि पिछले एक दशक में विभिन्न योजनाओं और निर्णयों में जल संरक्षण से जुड़े पहलुओं को अभूतपूर्व प्राथमिकता दी गई है। नमामि गंगे मिशन हो, केन-बेतवा लिंक परियोजना हो या नर्मदा-शिप्रा पुनर्जीवन की पहल, हम जल संरक्षण व पर्यावरण को सुरक्षित करने के लिए कृतसंकल्पित हैं। जल संरक्षण आज हमारी सामाजिक और आर्थिक जरूरत भी है, क्योंकि जल संरक्षित रहेगा तो हमारे किसान खुशहाल रहेंगे, उद्योग चलेंगे और सभी प्राणियों का जीवन सुरक्षित रहेगा। अमृतकाल में एक भव्य व विकसित भारत के निर्माण की ओर अग्रसर हमारे प्रयासों को देश की सामूहिकता की शक्ति एक नई ऊंचाई देगी। उन्होंने उम्मीद जताई है कि वर्षा ऋतु में जल संरक्षण व वृक्षारोपण के लिए देशवासियों के प्रयास देश की उन्नति में सहायक होंगे।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि भारत के महापुरुषों और समाज हितैषी शासकों ने अपने कार्यकाल में अनेकों जल रचनाओं का निर्माण करवाया। पानी की बूंद-बूंद बचाने के लिए राज्य सरकार ने प्रदेश स्तरीय जल गंगा संवर्धन अभियान चलाया। इसके अंतर्गत गुड़ी पड़वा 30 मार्च से 30 जून तक (90 दिन) सभी जिलों में जल स्रोतों के संरक्षण के लिए नवाचार किए गए। अभियान में मनरेगा योजना के अंतर्गत खेत तालाब, अमृत सरोवर और कूप रिचार्ज पिट का निर्माण एवं जल संरचाओं का जीर्णोद्धार किया गया। जल स्त्रोतों के संरक्षण में 2 लाख 39 हजार जलदूतों का सहयोग मिला, वे जल संवर्धन के संवाहक बने हैं। कुल 38 हजार नए खेत तालाब बनाए गए हैं। अकेले खंडवा जिले में 254 करोड़ की लागत से 1 लाख से अधिक कुंए रिचार्ज किए गए। इसके लिए खंडवा को देश में प्रथम स्थान मिला है। आज इंदौर संभाग स्वच्छता और जल संरक्षण में नंबर-एक है। प्रदेशभर में 70 हजार कुंओं, बाबड़ियों, नदियों और तालाबों का संरक्षण किया गया है।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन ने कहा कि जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत 57 से ज्यादा नदियों में मिलने वाले 140 बड़े नालों को चिह्नित किया गया है। प्रदेश के 36 जिलों में 91 वाटर-शेड परियोजनाएं विकसित हो चुकी हैं। खेतों की सिंचाई के लिए 9 हजार जल रचनाएं तैयार की गई हैं। आज 1568 करोड़ के लोकार्पण और भूमि-पूजन किए गए हैं। खंडवा में 4 सिंचाई परियोजनाओं की शुरुआत की गई है। विभिन्न कार्यों की वजह से निमाड़ के अधिकतम तापमान में 4 डिग्री की कमी आई है। प्रदेश में सिंचाई का रकबा लगातार बढ़ रहा है। बुंदेलखंड को केन-बेतवा लिंक नदी जोड़ो परियोजना, मालवा-चंबल क्षेत्र को पार्वती-कालीसिंध-चंबल (पीकेसी) और निमाड़ को तापी मेगा रिचार्ज परियोजना का लाभ मिलेगा। आगामी वर्षों में प्रदेश का सिंचाई क्षेत्र 55 लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर 100 लाख हेक्टेयर करेंगे।

 

इधर धार के जिला पंचायत सभागार में जल गंगा संवर्धन अभियान का समापन कार्यक्रम सीईओ अभिषेक चौधरी,जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की उपस्थिति में संपन्न हुआ। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के खंडवा से जल गंगा संवर्धन अभियान के समापन समारोह के लाइव प्रसारण को यहाँ देखा गया।

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